लोकसभा में उठाया सांसद तिवारी ने यमुना में गंदगी का मुद्दा..

reported by : संदीप कुमार 


दिल्ली की कई सरकारों ने यमुना सफाई पर कई योजनाएं बनाई तो दिल्ली की जीवनदायिनी यमुना की स्वच्छता के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए, लेकिन यमुना स्वच्छ होने के बजाय निरंतर मैली होती चली गई। अति तो तब हो गई जब दिल्ली की प्यास बुझाने वाली यमुना के अस्तित्व पर भू-माफियाओं की टेढ़ी नजर पड़ी और ओखला में यमुना की धार के बीचों-बीच सैकड़ों मकानों का अवैध निर्माण हो गया। गैर कानूनी गतिविधियों पर रोक लगाने वाली एजेंसियों की चुप्पी से यह खतरा और बढ़ गया। यह बातें दिल्ली भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद मनोज तिवारी ने लोकसभा में कही।



मनोज तिवारी ने ओखला के यमुना डूब क्षेत्र में निरंतर हो रहे अतिक्रमण और अवैध रूप से बनाए गए बहुमंजिली मकानों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सदन में मांग की। उन्होंने सदन का ध्यानाकर्षण करते हुए कहा कि यमुना वजीराबाद बैराज पहले दिल्लीवासियों को पीने का पानी देती है, वह कश्मीरी गेट के पास पहुंचते-पहुंचते इतनी मैली कैसे हो जाती है कि बदबूदार पानी के किनारे खड़ा होना भी दूभर हो जाता है। वहीं, ओखला में जब यमुना पहुंचती है तो अवैध निर्माण यमुना के अस्तित्व को ही निगल जाने को तैयार खड़ी हैं। मनोज तिवारी ने एक प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं लेकिन मैली हुई यमुना में कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। वहीं, स्वास्थ्य पर निगरानी रखने वाली एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने यमुना किनारे होने वाली खेती पर ही पाबंदी लगा दी क्योंकि इन सब्जियों को खाने से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का खतरा उत्पन्न हो गया है। मनोज तिवारी ने कहा कि ओखला में निरंतर हो रहे अवैध निर्माण के खिलाफ अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो आने वाले समय में बाढ़ के प्रकोप से यमुना किनारे बसी दिल्ली की बड़ी आबादी पर तबाही का खतरा उत्पन्न हो जाएगा और जान-माल का भारी नुकसान होगा।