सदन में पूर्व महापौर बिपिन बिहारी सिंह द्वारा अल्पकालिक प्रश्न के तहत आए जवाब को लेकर चर्चा शुरू हुई। सिंह ने कहा कि निगम के अधीन जो नाले व नालियां हैं, उनकी सफाई संतोषजनक है। काम में पीडब्ल्यूडी की ओर से लापरवाही बरती जा रही है। विभाग द्वारा नालों से गहराई से गाद नहीं निकाली जा रही है। जहां निकाली जा रही है, वहां से दो-दो महीने बाद तक उठाई नहीं जा रही है। उन्होंने कई जगहों की फोटो दिखाते हुए स्थिति भी बताई।
पार्षद केके अग्रवाल कई बार पीडब्ल्यूडी का चालान भी करवा चुके हैं, फिर भी स्थिति नहीं सुधर रही। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को लेकर उपराज्यपाल के पास जाने को तैयार हैं। दीपक मल्होत्र ने कहा कि पटपड़गंज रोड पर शिवपुरी के पास गाद पड़ी हुई है, लेकिन उसे उठाने को कोई तैयार नहीं।
आप पार्षदों पर अपने भी पड़ गए भारी: आप पार्षद अब्दुल रहमान ने कहा कि जहां भी पीडब्ल्यूडी काम नहीं कर रहा है, उसके लिए वह पत्र लिखें। यदि इसके बाद भी काम नहीं हो रहा है तो वह पीडब्ल्यूडी मंत्री के पास चलने को तैयार हैं। भाजपा पार्षद अजय शर्मा ने कहा कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को निगम उपायुक्त से लेकर जोन चेयरमैन ने पत्र लिखकर बुलाया, लेकिन वह आने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने अब्दुल रहमान से मार्गदर्शन की गुजारिश की। राजीव चौधरी ने कहा कि मैं तो 10 पत्र लिख चुका हूं। दल्लूपुरा गांव के चार ओर पीडब्ल्यूडी के नाले हैं, लेकिन किसी की सफाई नहीं हुई। कई बार ईमेल भी कर चुका हूं। इंदिरा झा ने कहा कि दिलशाद कॉलोनी का पूरा इलाका पीडब्ल्यूडी के नालों से घिरा हुआ है, लेकिन यहां की स्थिति विकराल है।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष कुलदीप कुमार ने कहा कि पहले निगम अपने नालों की स्थिति झांक कर देखे। सोनिया विहार ड्रेन, शास्त्री पार्क ड्रेन की सफाई नहीं हुई है। स्वच्छता अभियान के तहत शुरू किए गए शौचालयों की स्थिति बदहाल है। क्या इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला जाए। इस बात को सुनते ही सत्ता पक्ष के सदस्य आग बबूला हो गए। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया, जो काफी देर तक चलता रहा।
