शाहदरा दक्षिणी जोन निगम अधिकारियों ने शुरू की अवैध फैक्ट्रियों की सीलिंग..

reported by : प्रिंस सोलंकी 


पूर्वी दिल्ली नगर निगम के शाहदरा दक्षिणी जोन के डिप्टी चेयरमैन श्याम सुंदर अग्रवाल द्वारा कुछ निगम अधिकारियों पर मिलीभगत करने का जो आरोप लगाया गया था वह सही साबित हुआ है। उन्होंने सील तोड़कर फैक्ट्रियां चलाए जाने का मामला जोर शोर से जोन की बैठक में उठाया था। उन्होंने खुद सर्वे कर पता लगाया था कि सील तोड़कर फैक्ट्रियां चलाई जा रही हैं। निगम अधिकारियों की शुक्रवार को नींद तो खुली और उन्होंने कार्रवाई भी की लेकिन सिर्फ खानापूर्ति के लिए। अग्रवाल ने जिन 23 फैक्ट्रियों की सूची दी थी उसमें से सिर्फ पांच सील की गई है। हालांकि निगम ने 48 फैक्ट्रियों का फिर से सर्वे करने का दावा किया है।



यह वो फैक्ट्रियां हैं जिन्हें बवाना में वैकल्पिक प्लॉट मिल चुके हैं या जिन्होंने वैकल्पिक प्लॉट के लिए आवेदन किया हुआ था। ये फैक्ट्रियां रिहायशी इलाकों में नहीं चलाई जा सकतीं लेकिन फिर भी चल रही हैं। गत वर्ष सितंबर-अक्टूबर और जनवरी-फरवरी में निगम ने दो चरणों में इस तरह की करीब 405 फैक्ट्रियां सील की थीं। लेकिन निगम अधिकारियों की मिलीभगत के चलते इनमें से काफी फैक्ट्रियां फिर से चलने लगीं। कुछ लोगों ने यह दावा करते हुए शिकायत की थी कि निगम अधिकारियों ने इन फैक्ट्रियों को सिर्फ कागजों में सील किया और फैक्ट्री मालिक से महीना बांध कर उन्हें खुली छूट दे दी। इस तरह की शिकायतें जब लगातार मिलने लगीं तब डिप्टी चेयरमैन श्याम सुंदर अग्रवाल ने खुद 38 फैक्ट्रियों का सर्वे किया।



जिसमें से 23 फैक्ट्रियां चालू मिलीं। इस मामले को उन्होंने वार्ड कमेटी की बैठक में भी जोर शोर से उठाया। इसके बाद अधिकारियों की नींद खुली। शुक्रवार को गांधी नगर, लक्ष्मी नगर, रघुवरपुरा, झील और कृष्णा नगर में 48 फैक्ट्रियों के सर्वे का काम किया। जिसमें गांधी नगर में पांच ऐसी फैक्ट्रियां मिली, जहां सील तोड़कर काम चल रहा था। अग्रवाल कहते हैं कि जब 38 में 23 फैक्ट्रियां चलती हुई मिली हैं तो 405 फैक्ट्रियों में से कई फैक्ट्रियां चल रही होंगी।