अखण्ड राजपूताना सेवासंघ समाज के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत - आर.पी.सिंह

अखण्ड राजपूताना सेवासंघ के प्रदेश कार्यकारिणी गठन हेतु गुरुवार  को राष्ट्रीय अध्यक्ष आर.पी.सिंह दुर्गवंश विशेष प्रस्ताव पर के.एन.सिंह (अंकलेश्वर), के.पी.सिंह (वसई), हरीमंगल सिंह (नालासोपारा), रविन्द्र सिंह (अहमदाबाद), प्रदीप सिंह (अहमदाबाद), शेखावत (अहमदाबाद) के साथ मुंबई से अहमदाबाद पहुँचे और अहमदाबाद में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं गुजरात प्रभारी मंगल सिंह राठौर ने सबका अहमदाबाद के प्रसिद्ध व्यवशायी एवं समाज सेवक हुकुम सिंह शेखावत के निवास पर पारंपरिक रूप से स्वागत अभिनंदन किया। जिसके लिए संगठन आपका ह्रदय से आभार प्रकट करता है।


हुकुम सिंह शेखावत के विशेष आग्रह पर राजपूत भवन मे राष्ट्रीय अध्यक्ष के विशेष सम्मान के लिए आपने एक विशेष स्वागत कार्यक्रम रखा। जिसमें राजपूत भवन के प्रमुख सहीत मुख्य पदाधिकारी उपस्थिति रहकर अखण्ड राजपूताना सेवासंघ के पदाधिकारियों का अभिनंदन किया। जिसमें भवन के प्रमुख अश्विन सिंह सर्वाइया, नरेन्द्र सिंह वाघेला, सुखदेव वाघेला, वी.एम झाला, यशपाल सिंह झाला, रिषीकेश सिंह, रामपाल सिंह, हीरेन्द्र सिंह, सुरेश सिंह भाटी, रतन सिंह भाटी की उपस्थिति रही।



स्वागत बैठक में ही चर्चा करते हुए मा.आर पी.सिंह ने अश्विन सिंह को अखण्ड राजपूताना सेवासंघ के राष्ट्रीय संरक्षक के रूप मे संगठन से संलग्न होने का आमंत्रण दिया और भविष्य मे साथ मिलकर  साथ चलने का आग्रह किया। जिसको अश्विन सिंह ने सहर्ष स्वीकार किया। जिसके उपरांत  हुकुम सिंह शेखावत को प्रदेश अध्यक्ष का कार्यभार देना सुनिश्चित हो गया और सार्वजनिक रूप से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मंगल सिंह ने हुकुम सिंह शेखावत को प्रदेश अध्यक्ष के लिए प्रस्तावित किया।


जिसके पक्ष में एकमत से सहमति बनने के उप्रान्त राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हुकुम सिंह शेखावत के नाम की घोषणा करते हुए विश्वास व्यक्त किए की अश्विन सिंह एवं हुकुम सिंह के साथ और सहयोग से संगठन को गुजरात में ही नहीं भारतवर्ष में अग्रसित होने में सहयोग मिलेगा और हम एक प्रमुख समाजिक संगठन के रूप में स्थापित होंगे। साथ ही अहमदाबाद के वरिष्ठ व्यवशायी विनोद सिंह एवं अरविन्द सिंह से स्नेह भेंट हुई।


हम नवनियुक्त पदाधिकारियों का एक बार पुन: अभिनंदन करते हैं  और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि हम सबका संकल्प संयुक्त रूप के प्रयत्न से सफल हो और आप समाज में यशश्वी हो।