ब्रज रानी गौशाला में गद्दों पर सोती है गाय, मां की तरह होती है सेवा- शशि शेखर 

 पूर्वी दिल्ली


उत्तर पूर्वी दिल्ली के गावड़ी गांव में ब्रजरानी गौशाला एक अनोखी गौशाला के रूप में जानी जाती है। इस गौशाला में गायों के लिए विशेष सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. इस गौशाला के संस्थापक  शशि शेखर सिंह ने बताया कि 2015 में महज एक गाय से शुरुआत की गई यह ब्रज रानी गौशाला आज 70 गायों के साथ फल फूल रही है। इस गौशाला की सबसे अहम बात यह है कि इसमें किसी से कोई दान नहीं लिया जाता। यह गौशाला संरक्षक टी. सी. शर्मा और शैलेंद्र सिंह के नेतृत्व मैं संस्थापक शशि शेखर और पुनीत शर्मा के सानिध्य में चल रही है।



कहते हैं हिंदू धर्म में गाय की सेवा सबसे बड़ी सेवा मानी जाती है। गाय को हिंदू धर्म में मां का दर्जा दिया गया है और मां की सेवा करना हर भारतीय का धर्म होता है। इसी सोच के साथ इस गौशाला में गायों की बेहतर सेवा की जाती है। पार्षद पुनीत शर्मा ने बताया कि ब्रजरानी गौशाला में 5 लोग 24 घंटे सेवा में तत्पर रहते हैं। इसके साथ हम सभी लोग भी गायों का पूरा ध्यान रखते हैं। अक्सर का देखा जाता है कि  पक्की जमीन पर गायों के चोट लग जाती है और बुरी तरह से छिल जाती हैं।  इसी को मद्देनजर रखते हुए  इस गौशाला में गायों के लिए गद्दों की विशेष सुविधा प्रदान की गई है। गौशाला में साफ-सफाई का विशेष प्रबंध है। गायों के नीचे पूरी साफ सफाई रखी जाती है और नीचे गद्दे होने के कारण गोबर व अन्य गन्दगी को तुरन्त हटाया जाता है।