जानिए 2019 के बजट की क्या रही अहम बातें...?

शुक्रवार को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पहला बजट पेश किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वतंत्र भारत के इतिहास में केंद्रीय बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बन गई हैं। इससे पहले, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी केंद्रीय बजट पेश करने वाली अब तक की और एकमात्र महिला थीं। 1970 में इंदिरा गांधी ने वित्त वर्ष 1970-71 का बजट पेश किया था।


 


वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को केंद्रीय बजट की प्रति भी सौंपी। सीतारमण ने भूरे रंग के ब्रिफकेस की परंपरा से आगे बढ़ते हुए लाल रंग का पार्सलनुमा बैग लिया हुआ था। बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट तौर पर कहा कि मोदी सरकार का फोकस बिंदू गांव, गरीब और किसान है।


2019 बजट भाषण की कुछ अहम बातें-



  • 10 हजार नए कृषि उत्पादक संगठन बनाने की उम्मीद.

  • गांवों को बाजार से जोड़ने वाली सड़कों को अपग्रेड किया जाएगा, जिसके लिए पीएम ग्राम सड़क योजना का तीसरा फेज शुरू होगा.

  • अन्नदाता को ऊजार्दाता बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई जाएंगी.

  • कृषि से संबधित ग्रामीण उद्योग में 75 हजार नए उद्यमी तैयार करने की योजना.

  • इलेक्ट्रोनिक जरुरतों को पूरा करने के कोष के लिए एक स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना की जाएगी.

  • 97 प्रतिशत गाँवों को बारह-मासी सड़क से जोड़ा गया, शेष गांवों को इसी साल जोड़ने का लक्ष्य.

  • महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर अंत्योदय होगा हमारा लक्ष्य.

  • प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 1.5 करोड़ मकान बने, 2019-20 से 2021-22 के बीच 1.95 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य.

  • 2022 तक हर ग्रामीण को गैस और बिजली का कनैक्शन.

  • बुनियादी ढ़ांचे को प्रोत्साहन देने के लिए क्रेडिट गारंटी एन्हांसमेंट कापोर्रेशन की स्थापना की जाएगी.

  • देश में हर साल ग्लोबल इंवेस्टमेंट मीट आयोजित करने का प्रस्ताव.

  • जीएसटी पंजीकृत अति लघु, लघु और मध्यम उद्यमों को ब्याज में दो प्रतिशत की छूट के लिए 350 करोड़ रूपये का आवंटन.

  • मकान किराए पर देने-लेने से संबंधित कानूनों में सुधार होगा.

  • मीडिया, विमानन और बीमा क्षेत्र में एफडीआई बढ़ाने का प्रस्ताव.

  • स्वस्थ समाज की परिकल्पना के तहत आयुष्मान भारत, सुपोषित महिलाएं और बच्चे और नागरिकों की सुरक्षा को अहम स्थान दिया गया.

  • समाज सेवी संस्थान सेबी में पंजीकरण कराकर इक्विटी, डेट और म्युचुअल फंड के जरिए पैसे जुटा सकेंगे, इनके लिए बनेगा सोशाल स्टॉक एक्सचेंज.

  • रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए वर्ष 2018 से 2030 के दौरान 50 लाख करोड़ रुपये निवेश करने की जरूरत.

  • गैस और जल का राष्ट्रीय ग्रिड तैयार करेंगे.

  • एक करोड़ रुपए तक का ऋण छोटे उद्योगों को दिया जा रहा है.