राहुल गांधी ने इस्तीफा देते हुए कहा- लेने पड़ते हैं कड़े फैसले

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने एक ओपन लेटर भी जारी किया है. इस ओपन लेटर में राहुल गांधी ने लिखा, 'कांग्रेस पार्टी के लिए काम करना मेरे लिए सम्मान की बात थी'. उन्होंने पत्र में 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी को मिली हार का जिक्र करते हुए लिखा 'अध्यक्ष के नाते हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं. इसलिए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं'. उन्होंने आगे लिखापार्टी को जहां भी मेरी जरूरत पड़ेगी मैं मौजूद रहूंगा.


बता दें कि बुधवार को राहुल गांधी ने कहा कि एक महीने पहले ही नए अध्यक्ष का चुनाव हो जाना चाहिए था. राहुल गांधी ने कहा, 'बिना देर किए नए अध्यक्ष का चुनाव जल्द हो. मैं इस प्रक्रिया में कहीं नहीं हूं. मैंने पहले ही अपना इस्तीफा सौंप दिया है और मैं अब पार्टी अध्यक्ष नहीं हूं. सीडब्ल्यूसी को जल्द से जल्द बैठक बुलाकर फैसला करना चाहिए.'



वहीं कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पार्टी के नए अध्यक्ष का फैसला एक सप्ताह में हो जाएगा. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी. उसके बाद से कांग्रेस नेता उन्हें इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाते रहे हैंलेकिन राहुल गांधी हमेशा कहते रहे हैं कि वह अपना मन नहीं बदलेंगे.


गौरतलब है कि कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सोमवार को ही पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के दौरान सभी मुख्यमंत्रियों ने उनसे पार्टी के अध्यक्ष के तौर पर बने रहने का आग्रह भी किया थी. बैठक के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत मे कहा था कि हमने राहुल जी से आग्रह किया कि वह अध्यक्ष पद पर बने रहें. उन्होंने हमें धैर्यपूर्वक सुना.



हम आशा करते हैं कि वह हमारे आग्रह को स्वीकार करेंगे. इस बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोतपंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंहमध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथछत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने हिस्सा लिया था.


वहीं इससे पहले कांग्रेसी नेता एम वीरप्पा मोइली ने कहा था कि राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष पद पर बने रहने की एक प्रतिशत भी संभावना नहीं है. मोइली ने कहा था कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) इस मामले पर गौर करेगी. पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा, 'कुछ भी हो सकता है.मोइली कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में विधि एवं न्यायपेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और कारपोरेट मामलों के मंत्रालयों की जिम्मेदार संभाल चुके हैं.