उत्तर-पूर्वी जिला दिल्ली पुलिस ने सैकडों परिवारों की खोई मुस्कान दिलाई  

दिल्ली पुलिस की 'एचटीयू' मानव तस्करी विरोधी यूनिट टीम ने काबिले तारीफ काम कर दिखाया है। जिसमें की कुल 6 महीने में करीब 100 बच्चों को उनके परिवार से मिलाया।  सभी बच्चों के बिछड़ने के पीछे अलग-अलग किस्से बताए जा रहे हैं। कई बच्चें अपने परिजनों से बिछड़कर बाजार में गुम हो गए थे तो वहीं कुछ बच्चें अपने घर से निकलने के बाद रास्ता भटक गए थे।



ऐसा ही एक मामला पुरानी सीमापुरी से सामने आया है जहां एक तीन साल का इकलौता मासूम इब्राहिम घर के बहार से गायब हो गया था। बच्चे के लापता होने पर उनके परिजनों ने बच्चों की रिपोर्ट सीमापुरी थाने में दर्ज कराई और अगले दिन ही दिल्ली पुलिस ने बच्चें को सुरक्षित परिजनों को सौंप दिया। इब्राहिम की मा ने जन्नत निशा इसी प्रकार सभी परिजनों की शिकायत पर संबंधित थानों में केस दर्ज किए गए थे। जिसके बाद विशेष टीम ने इन्हें खोज निकाला। हैरियत की बात तो ये हैं कि इनमें कई बच्चें ऐसे भी थे जिनके गुमशुदगी दर्ज तक नहीं हुई थी।



बता दें, कि बीते वर्ष 2018 में भी विशेष टीम में 101 बच्चों को बरामद कर उनके परिजनों से मिलाया था, जिसकी प्रसंशा दिल्ली पुलिस मुखिया अमुल्य पटनाक ने भी की थी। उन्होने बताया कि मात्र 6 माह में ही टीम ने 100 का आंकड़ा छू लिया है। टीम ने जिन 102 बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया है। इनमें 87 लड़के और 13 लड़कियों के साथ 2 दिव्यांग बच्चें भी है। जिनकी उम्र करीब 2 से 18 साल के बीच बताई जा रही है।


वहीं, पुलिस उपायुक्त अतुल कुमार ठाकुर ने बताया कि एसीपी संजय शर्मा की देखरेख में इंस्पेक्टर तनवीर अशरफ, एएसआई प्रहलाद इदरीश खान आदि टीम ने ये सराहनीय कार्य किया है।