बुधवार तक दिल्ली में आ सकती है बाढ, खाली कराया यमुना खादर इलाका

दिल्लीः हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से रविवार को 14 घंटे में 89 लाख 3 हजार 960 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है। शाम 5 बजे सबसे अधिक 8 लाख 43 हजार 397 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह पानी 36 घंटे में दिल्ली पहुंचेगा। पानी के दिल्ली पहुंचने पर यमुना में बाढ़ के आसार बने हुए हैं। पूर्वी जिले के जिला अधिकारी दीपक शिंदे ने रविवार को खादर को इलाकों में रहने वाले लोगों से लगा खाली करने की अपील की साथ ही लोगों से नदी के किनारे न जाने को कहा। दीपक शिंदे ने बताया कि सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने गीता कॉलोनी स्थित पूर्वी जिला अधिकारी कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाया है जो 24 घंटे काम करेगा। आपातकालीन स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर 011-22051234 भी जारी किया है। कोई भी व्यक्ति जलस्तर से संबंधित जानकारी ले सकता है। अगर कोई व्यक्ति बाढ में फंस गया है, तो वह इस नंबर पर फोन करके मदद ले सकता है। उन्होंने बताया कि पुलिस को भी निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी व्यक्ति को यमुना और इसके आसपास ने जाने दें।


प्रशासन की टीम  यमुना खादर इलाकों को खाली कराने में लग गई है। इस के तहत मंडावली थाना अध्यक्ष प्रशांत नीमा भी अपनी टीम के साथ यमुना खादर का दौरा करने पहुंचे, जहां पर उन्होंने बाढ़ से प्रभावित परिवारों को खाली करने की अपील की और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थान में पहुंचाना शुरू कर दिया है। प्रशान्त नीमा ने बताया कि दिल्ली पुलिस सभी ऐसे परिवारों को जो कि यमुना डूब इलाके में रहते हैं उनको सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा लोगों को मुनादी के माध्यम से भी सूचित किया जा रहा है और खुद दिल्ली पुलिस भी लोगों को सामान ट्रैक्टर में भरवा कर उन्हें सुरक्षित स्थान में पहुंचा रही है।



             प्रशासन ने बाढ़ से प्रभावित होने वाले परिवारों को पहले ही सचेत कर दिया है। उनके रहने के लिए सुरक्षित स्थानों पर टेंट लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। बाढ़ से प्रभावित संभावित क्षेत्रों में पुराना उस्मानपुर, गांव गढ़ी मेंडू, कश्मीरी गेट, लोहे वाला पुल, गांधीनगर, गीता कॉलोनी, किशनगंज, मयूर विहार, सहित अन्य यमुना खादर इलाकों में रहने वाले हजारों की संख्या में लोग प्रभावित होंगे।



         पूर्वी जिले के अतिरिक्त जिलाधिकारी अरुण गुप्ता ने बताया कि सबसे ज्यादा पूर्वी जिले के इलाके प्रभावित होते हैं। यहां यमुना खादर में करीब पांच हजार लोग रहते हैं। इनके लिए मयूर बिहार, गांधीनगर, एनएच 9, सहित अन्य जगह पर राहत शिविर लगाए जा रहे हैं। शिविरों में रहने वाले लोगों को खाना भी प्रशासन की तरफ से दिया जाएगा।