दिल्लीः पूर्वी दिल्ली के जीटीबी अस्पताल के सामने मेट्रो डायग्नोस्टिक सेंटर पर छापामार एक महिला सहित चार आरोपियों को हिरासत में लिया। सीमापुरी एसडीएम पंकज भटनागर और हरियाणा से पीएनडीटी डिपार्टमेंट के संयुक्त अभियान से गर्भवती महिलाओं के पेट में पल रहे गर्भ के लिंग जाँचने के इस घिनौने खेल का पर्दाफाश किया गया।
दरअसल पूर्वी दिल्ली के जीटीबी अस्पताल के सामने के -5, पॉकेट ई, जीटीबी एनक्लेव, शहादरा दिल्ली मेट्रो डायग्नोस्टिक सेंटर पर पोर्टेबल मशीन के द्वारा गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग जाँच की जा रही थी। इसका खुलासा जब हुआ तब हरियाणा से एक पीएनडीटी डिपार्टमेंट के डाक्टरों की टीम ने एक गुप्त सुचना के आधार पर मीनाक्षी नाम की महिला का चरखी दादरी से पीछा करना शुरू किया। मीनाक्षी दूसरी महिलाओ को अपने साथ रोहतक होते हुए टिकरी बॉर्डर से मेट्रो रेल के माध्यम से मौजपुर मेट्रो स्टेशन पहुंची, जहा पहले से ही एक दलाल अशोक उसका इंतज़ार कर रहा था। उसने इस महिलाओं को अपनी मोटर साईकिल पर बैठाया और डीएम ऑफिस के बाहर एक दूसरे दलाल जिसका नाम असलम बताया जा रहा है उसका इंतज़ार किया थोड़े समय बाद ही असलम भी वह पहुंच गया। फिर असलम ने इन सभी को अपने साथ लेकर मेट्रो डायग्नोस्टिक सेंटर पहुंचा जहां गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे की जाँच के लिंग की जाँच होनी थी।
पीएनडीटी हरियाणा के टीम का डाक्टर विकास ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी मिनाक्षी नाम की महिला हरियाणा को चरखी दादरी से महिलाओं को दिल्ली लाकर मोटे पैसे लेकर इस सेंटर पर गर्भ जांच कराती है। इसी आधार पर हमने इस मुहिम को अंजाम दिया और इनको रंगेहाथ पकड लिया। पकडे जाने पर मीनाक्षी ने बताया कि वह दादरी से महिला को लेकर आई थी और 35 हजार रुपये में सौदा तय हुआ था। अशोक कुमार ने भी माना कि वह इस काम में लिप्त रहा है और उससे गलती हुई है।
बताया जा रहा है कि इसी मेट्रो डायग्नोस्टिक सेंटर में कुछ समय पहले भी इसी तरह का छापा लगा था। तब इस सेंटर को सील कर दिया गया था, लेकिन बाबजूद इसके इसी सेंटर में एक बार फिर लिंग जाँच करने का घिनोना काम धड़ल्ले से चल रहा था। एसडीएम सीमापुरी पंकज भटनागर ने बताया कि मसीन और सेंटर दोनों को सील कर दिया है और जांच की जा रही है।