कांग्रेस एआईसीसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति पार्टी हित में होनी चाहिए- रामनिवास शर्मा

दिल्लीः देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी आज विभिन्न विषमताओ और अंदरूनी गुटबाजी, एवं वरिष्ठ नेताओं के व्यक्तिगत स्वार्थ में सिमट कर रह गई  है, जिसके परिणाम स्वरूप आज के हालात को छिपाया नहीं जा सकता। इसके चलते कांग्रेस कार्यकर्ताओं के मनोबल को जो ठेस पहुँचती है उसका आकलन करने का प्रयास कभी किसी ने नहीं किया । विरोधी पार्टियों द्वारा परिवार वाद जैसे अनेक मुद्दों को उठाने और इसके राजनीतिक फायदे हासिल करने के लिए लगातार देश  की जनता को गुमराह किया जाता रहा है और स्वाभाविक रूप से जनता में इसका असर भी देखने को मिला है। देश की जनता के इस भ्रम को दूर करने और विरोधी पार्टियों को जबाव देने के लिए राहुल गाँधी द्वारा उठाया गया कदम बिल्कुल सार्थक दिशा में है, लेकिन यहाँ यह फैसला मात्र औपचारिकता पूरी करने के लिए नहीं होना चाहिए, इसके ठोस और सार्थक परिणाम भी आवश्यक हो यह सुनिश्चित करना जरूरी है । 


उपरोक्त बातें आल इंडिया सीमाचल जन विकास परिषद एवं जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष राम निवास शर्मा ने कही, उन्होंने बताया कि इसके लिए कांग्रेस पार्टी को पूरी सजगता से फैसला लेना चाहिए क्योंकि अशोक गहलौत को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के बाद भी विषमताओ का दौर बरकरार रहता है तो बदलने का क्या फायदा ?? आज कांग्रेस पार्टी को ऐसे नाम की जरूरत है। जिसके पीछे देश की जनता का विश्वास फिर से एक क्रांति के रूप में उभर कर सामने आए और वह नाम है  देश के सबसे ईमानदार लोकप्रिय पूर्व प्रधानमंत्री स्व.लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र अनिल शास्त्री, इस नाम को किसी अन्य पहचान की आवश्यकता ही नहीं है।  अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के शीर्ष नेतृत्व को पूर्व प्रधानमंत्री स्व.लाल बहादुर शास्त्री के महत्व को समझना आवश्यक है और इन विषम परिस्थितियों में देश की जनता को एक महत्वपूर्ण और सार्थक संदेश देना अनिवार्य है।