मां की मौत का मुआवजा लेते वक्त बेटी की आंखें नम

दिनेश सोलंकी


पूर्वी दिल्लीः शाहदरा जिला के फ्रेंड्स कॉलोनी झिलमिल इंडस्ट्रीज एरिया में 13 जुलाई की सुबह करीब 9:00 बजे कोरसा कंपनी में भयानक आग लग गई थी। इस अग्निकाण्ड में कंपनी में काम करने वाले कई कर्मचारी घायल हो गए और तीन कर्मचारियों की मौत भी हो गई थी। जिसमें दो महिलाएं और एक युवक शामिल था।



इस हादसे में मृतक महिलाओं में 45 साल की मंजू पति सीताराम गांव दानपुर जिला बुलंदशहर के रहने वाली व दूसरी महिला 40 साल की संगीता पति लखन प्रसाद सुपासन बिहार के रहने वाली और तीसरा घर का इकलौता चिराग 20 साल का सुऐब जो कि गली नंबर 19 ब्रह्मपुरी दिल्ली में रहता था। हादसा बहुत भयानक था। जिसका जायजा लेने दिल्ली सरकार विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ पहुंचे। घटना हृदय विदारक होने की वजह से मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार की तरफ से मृतक के परिवार  वालों को 5 लाख के मुआवजे का ऐलान कर दिया। इस मुआवजे के चैक आज शुक्रवार को शाहदरा जिला अधिकारी कुलदीप पाकड़ और सीमापुरी एसडीएम पंकज भटनागर के द्वारा शाहदरा जिला अधिकारी कार्यालय नंद नगरी में प्रदान किए गए।



      इस दौरान मृतक संगीता के पति लखन प्रसाद के साथ उनकी दोनों बेटियां भी मौजूद रहीं। बेटी ने जैसे ही मां मौत के मुआवजे का चैक लिया, तो उसकी आंखें नम हो गई। तेज निगाहें संवाददाता से बातचीत में बेटी ने बताया कि हम धन्यवाद देते हैं दिल्ली सरकार मुख्यमंत्री केजरीवाल को जिन्होंने हमें 5 लाख  की राशि सहायता रूप में दी। इससे हम तीनो भाई वहन की पढाई का खर्च चल जायेगा। सरकार से उम्मीद करते है कि भविष्य़ में हमे कुछ और सहायता मिल जाये ताकि परिवार का पालन-पोषण सही हो सके। सुपासन, बिहार का रहने वाला यह गरीब परिवार इस सहायता राशि के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त कर रहा है। इस अग्निकांड में  घर का इकलौता चिराग गवां चुके अली ने कहा कि सरकार ने जो मदद की है उसके लिए हम दिल्ली के मुख्यमंत्री के आभारी हैं। शाहदरा जिला अधिकारी कुलदीप पाकड़ ने बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने घटना के दौरान ही मृतक के परिजनों को 5 लाख रुपये की सहायता राशि का ऐलान कर दिया था, जिसका चैक आज हमने तीनों मृतक के परिजनों को सौंप दिया है। एसडीएम पंकज भटनागर ने बताया कि जल्दी ही इनको 2 लाख के चैक और दिए जाएंगे ताकि इस पैसे से अपना स्वरोजगार या कुछ रोजगार जीवन यापन के लिए कर सकें।