उत्तरी दिल्ली के महापौर ने स्वच्छ्ता कर्मचारियों के लिए 1000 करोड़ रुपये के अनुदान की मांग की

उत्तरी दिल्ली के महापौर अवतार सिंह ने माननीय उपराज्यपाल अनिल बैजल को एक पत्र लिखकर स्वच्छ्ता कर्मचारियों के प्रति देनदारियों को दूर करने के लिए कम से कम 1000 करोड़ रुपये के एक बार अनुदान की मांग की है। अवतार सिंह ने कहा कि स्वच्छ्ता कर्मचारियों की विभिन्न यूनियनों ने पहले ही हड़ताल का नोटिस दे रखा है। महापौर ने पत्र के साथ स्वच्छ्ता कर्मचारियों के बकाए का विवरण दिया जो कि 776.91करोड़  रुपये है। महापौर ने कहा दिल्ली सरकार द्वारा चौथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार 968.97 करोड़ रुपये अब तक अप्राप्त है। दिल्ली सरकार ने पांचवे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों को भी लागू नहीं किया है।  निगमों के गठन पर के अवसर पर वेज़ एंड मीन्स के स्थान पर अनुदान देने की घोषणा को भी नहीं माना है जिसके कारण निगम की यह आर्थिक स्थिति बनी  है।अवतार सिंह ने पत्र में लिखा है कि दिल्ली में पहले भी स्वच्छता कर्मचारियों की  कई हड़ताल देखी गयी हैं जिससे दिल्ली में अत्यधिक गंदगी की स्थिति पैदा हुई थी। स्वच्छ्ता कर्मचारियों के  द्वारा एक और हड़ताल से शहर की स्वच्छता को बिगाड़ देगी और महामारी के प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है। जैसा कि पहले ही कहा गया है, वर्तमान वित्तीय स्थिति के कारण इनके बकाये के भुगतान की मांगों को पूरा करना उत्तरी दिल्ली नगर निगम से परे है। यह भी अन्याय होगा यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है क्योंकि ये बकाया लंबे समय से लंबित हैं और अल्प आय वाले स्वच्छ्ता कर्मचारियों को जीवन यापन करने में मुश्किल हो रही है।



                उन्होंने कहा कि यह निगम के लिए एक आपातकालीन स्थिति है और इनके बकाया को निपटाने के लिए, हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है, इसलिए माननीय उपराज्यपाल महोदय से हस्तक्षेप कर दिल्ली सरकार को कम से कम 1000 करोड़ रुपये का एक बार अनुदान स्वच्छता कर्मचारियों के बकाया के भुगतान हेतु जारी करने के की अपील की। उत्तरी दिल्ली के महापौर ने पहले भी जुलाई के महीने में 3000 करोड़ रुपये के बेलआउट पैकेज के लिए अनुरोध किया था जो अभी तक दिल्ली सरकार द्वारा विचार नही किया है।                           ।                                                                                                                                                                 
      महापौर ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार राजनीतिक कारणों से एक के बाद एक लोकलुभावन उपायों की घोषणा कर रही है जो सरकारी खजाने पर भारी बोझ डालने वाला है। दिल्ली सरकार को समय की गंभीरता को समझना चाहिए और कम से कम 1000 करोड़ रुपये की अंतरिम राहत जारी करनी चाहिए।