आरजेएस के सहयोग से इबहास में हुआ सकारात्मक सोच संगोष्ठी का आयोजन

        पूर्वी दिल्लीः हिंदी पखवाड़ा और राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के अंतर्गत शुक्रवार को मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान इबहास में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें वक्ताओं ने हिंदी और सुपोषण पर अपने विचार व्यक्त किए। बैठक की अध्यक्षता करते हुए इबहास के निदेशक डॉ निमेष जी देसाई ने कहा कि शरीर और मन एक दूसरे के पूरक है। शरीर स्वस्थ है, तो मन भी स्वस्थ होगा। इसी तरह मन के स्वस्थ रहने पर शरीर तंदुरुस्त रह सकेगा। संगोष्ठी में उन्होंने सकारात्मक सोच पर जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य सकारात्मक सोच के साथ करेंगे तो उसमें सफलता मिलने की संभावना अधिक रहती है।



       सकारात्मक सोच के साथ अगर आप भोजन ले रहे हैं तो इसी शरीर भी कबूल करता है। बैठक का आयोजन राम जानकी संस्थान (आरजेएस) और कृषि विकास शिल्प केंद्र हुगली की तरफ से और इबहास के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ की गई। डॉ. निमेष जी देसाई ने बताया कि इबहास में हमने सकारात्मक सोच के साथ सक्षम योजना शुरू की है। जो काफी कारगर साबित हो रही है। इसमें ऐसे मनोरोगियों को रखा जाता है जिनका कोई नहीं है। संगोष्ठी में विश्व भारतीय योग संस्थान के निदेशक आचार्य प्रेम भाटिया ने योग और ध्यान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि शरीर व मन दोनों को स्वस्थ रखने के योग और ध्यान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। प्रत्येक को इसे अपने जीवन में शामिल करना चाहिए। रेडियो ब्रॉडकास्टर पार्थ सारथी थपलियाल ने हिंदी पखवाड़े पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हम सभी को एक दूसरे जोड़ने में हिंदी की सबसे उपयुक्त माध्यम   है सकारात्मक शब्दों के चयन से हिंदी प्रभावी होगी।



     आरजेएस के संयोजक उदय कुमार मन्ना ने कहा कि खानपान को लेकर भ्रांति को दूर करने की जरूरत है। आरजेएसएस के लिए पूरे देश में जागरूकता अभियान चलाएगा। इस दौरान सक्षम के प्रभारी डॉ हिमांशु कुमार, विजय भान सहित कई गणमान्य हस्तियां मौजूद रहीं।