दिल्ली को महिलाओं के लिए एक सुरक्षित शहर बनाने के लिए केंद्रित और समन्वित रणनीति पर कार्य करें: उपराज्यपाल

           नई दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने राज निवास में महिला सुरक्षा मुद्दों पर गठित टास्क फोर्स की 10वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में दिल्ली महिला आयोग अद्यक्षा स्वाति मालीवाल, अमूल्य पटनायक पुलिस आयुक्त, दिल्ली प्रधान सचिव (कानून व न्याय), दिल्ली सरकार,  आयुक्त, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, दिल्ली पुलिस के विशेष सचिव (महिला सुरक्षा), मुख्य कार्यकारी अधिकारी (डूसिब), सचिव (टीटीई), दिल्ली सरकार, सचिव, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद,  सचिव(समाज कल्याण), दिल्ली सरकार, निदेशक ( शिक्षा), दिल्ली सरकार, विशेष सचिव (गृह) दिल्ली सरकार, सदस्य सचिव (डीएसएलएसए) और सेफ्टीपीन के प्रतिनिधी  उपस्थित थे।  प्रारंभ में 12 जून, 2019 को हुई महिला सुरक्षा पर आयोजित टास्क फोर्स की 09वीं बैठक में पहचाने गए मुद्दों पर की गई कार्यवाई की समीक्षा की गई। एनजीओं 'सेफ्टीपिन'ने दिल्ली में महिला सुरक्षा में सुधार के लिए विभिन्न मानक जैसे कि डार्क स्पाट, दृश्यता, वाक-पाथ और सार्वजनिक परिवहन पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत किया। सेफ्टीपिन ने यह बताया कि उन्होंने 2016 में उनके द्वारा क्षेत्रों के किए गए सर्वेक्षण को दुबारा वर्ष 2019 में नए क्षेत्रों के साथ किया है जिनमें उन्होंने लगभग 3077 किलोमीटर एरिया को कवर किया गया एवं इन क्षेत्रों की एक लाख से अधिक फोटो ली है। उपराज्यपाल महोदय को यह भी बताया गया कि सर्वे में वर्ष 2016 में जहां 7438 डार्क स्पाट्स की पहचान की गई थी वर्ष 2019 के सर्वे में केवल 2780 डार्क स्पाट की पहचान की गई हैं।



      उपराज्यपाल महोदय को दिल्ली पुलिस द्वारा महिला सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कई कदमों के बारे में सूचित किया जैसे- 15 पीसीआर केवल महिलाओं द्वारा चालित की जा रही है, संवेदनशील क्षेत्रों में  30 पराक्रम वैन संचालित हैं, 259 महिला बीट पुलिसकर्मी साइकिल एवं मोटरसाइकिल से गश्त कर रहे हैं। केवल महिलाओं से बनी SWAT टीम को शामिल किया गया है, 312 महिला पुलिस अधिकारियों को 196 पीसीआर वैन में (दिन-रात शिफ्ट) तैनात किया गया है। 500 पीसीआर वैन लड़कियों के स्कूलों एवं कालेजों की समीप तैनात किया गया है। विशेष पुलिस आयुक्त (महिला सुरक्षा) की अध्यक्षता में गैर सरकारी संगठनों एवं अन्य हितधारकों, जो कि महिला सुरक्षा के कार्यों में संलग्न हैं, के साथ नियमित  बैठक की जा रही है। वर्ष 2018 में 3,25,086 लड़कियों/महिलाओं को आत्म रक्षा का प्रशिक्षण दिया गया, इस उपलब्धि को लिम्का बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड में अंकित किया गया है। दिल्ली पुलिस ने यह भी बताया है कि उन्होंने पुलिस में महिलाओं की भर्ती के लिए विशेष अभियान चलाया है। परिवहन विभाग ने यह बताया कि सीसीटीवी व पैनिक बटन वाली 1000 बसों को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। 03 सीसीटीवी एवं 14 पैनिक बटनवाले 25 बसें 20 अगस्त 2019 को  क्लस्टर बेड़े में शामिल किया जा चुका है। यह भी बताया गया कि सीसीटीवी एवं पैनिक बटन के लिए निविदा अंतिम चरण में है एवं वर्तमान में संचालित बसों में भी सीसीटीवी अप्रैल 2020 तक लगा दिए जाएगें।निदेशक (शिक्षा), दिल्ली सरकार ने माननीय उपराज्यपाल को यह सूचित किया कि  892 सरकारी स्कूलों में सीसीटीवी लगा दिए गए हैं। अब तक  63 स्कूल भवनों के बाहर सीसीटीवी कवरेज सुनिश्चित की गई है एवं शेष स्कूलों को दिसम्बर 2019 तक कवर कर लिया जाएगा।



          उपराज्यपाल महोदय ने लोक निर्माण विभाग, एमसीडी और अन्य संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया कि सभी चिह्न्ति डार्क स्पाट पर स्ट्रीटलाईट लगाई जाए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को डार्क स्पाट्स पर एक समान और अबाध्य रोशनी सुनिश्चित करने के लिए नियमित जांच करने को कहा। उपराज्यपाल महोदय ने परिवहन विभाग को बसों में सीसीटीवी और पैनिक बटन लगाने की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा और यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि सभी डीटीसी एवं क्लस्टर बसों में महिला हेल्पलाईन नम्बर ठीक ढंग से प्रदर्शित हो। अध्यक्षा, दिल्ली महिला आयोग ने शहर में उपज रहे ऐसे स्पा, जिसमें अवैध गतिविधियां हो रही हैं, का भी मुद्दा उठाया। उपराज्यपाल महोदय ने पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वह इस मामले में कठोर कार्यवाई करें। अंततः उपराज्यपाल महोदय ने कहा कि सभी हितधारक दिल्ली को महिलाओं के लिए एक सुरक्षित शहर बनाने के लिए एक केंद्रित और समन्वित रणनीति पर कार्य करें।  मानसिकता में बदलाव की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि विभागों को जागरूकता और संवेदीकरण पैदा करने के लिए अपने प्रयास जारी रखने चाहिए।