परिवार को दो वक्त की रोटी भी नसीब नही होगी-कर्मचारी

     रायबरेलीः 17 सितम्बर केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन का जिम्मा जिनके कंधो पर है, उन्हें माह मई 2019 से वेतन नही मिला है। उन्हें परिवार चलाने में और परिवार का भरण पोषण करने  में काफी मुश्किलो का सामना करना पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार जिलाधिकारी महोदया के मौखिक निर्देश पर विकास खण्डो की प्रगति सतोष जनक न होने पर समस्त सचिव व समस्त स्वच्छ भारत मिशन में आउटसोर्सिंग से रखे गए कर्मचारियों का वेतन रोकने के निर्देश दिए गए थे। जिसमें सभी सचिव को मानदेय दे दिया गया लेकिन आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों का नही किया गया।



      रायबरेली जिले में जिला पंचायत राज विभाग अन्तर्गत स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के कार्यो के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से 71 कर्मचारी तैनात किए गए है। इनकी आपूर्ति  दो अलग अलग कार्य संस्थाओं ने की है। जिनमे जिले में पांच जिला कन्सल्टेंट, एक योजना सहायक, दो डाटा एंट्री ऑपरेटर व ब्लॉक स्तर पर 34 खण्ड प्रेरक और 29 कम्प्यूटर ऑपरेटर शामिल है। इन सभी कर्मचारियों के ऊपर इतनी बड़ी योजना का भार है। जिसे ये कर्मचारी 2 अक्टूबर के पहले पूर्ण जनपद में शौचालय पूर्ण करने है ऐसे में बिना मानदेय के ये कर्मचारी कार्य कर रहे है जबकि इन्हें पिछले तीन माह से वेतन नही मिला है और चौथा माह भी लगभग पूरा हो गया है। इसे लेकर कर्मचारी परेशान है।सम्बंधित कर्मचारियों ने बताया कि उच्चाधिकारियों से कई बार गुहार लगायी गयी है लेकिन उच्चाधिकारी मानदेय देने पर ध्यान नही दे रहे हैं। ऐसे ही रहा तो परिवार को दो वक्त की रोटी भी नसीब नही होगी।



 bbएक कर्मचारी ने बताया कि जिलाधिकारी महोदया द्वारा सभी सचिवो व स्वच्छ भारत मिशन के कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया था लेकिन ग्राम सचिवो का मानदेय 15 दिन पहले ही दे दिया गया है। जबकि हम लोगो का चार महीना पूरा होने को है। ऐसे में क्या योजना की सम्पूर्ण जिम्मेदारी मात्र इन आउटसोर्सिंग कर्मियों की ही है जिनको माह मई 2019से मानदेय नही दिया गया है।