दिल्लीःगुरु पब्लिक स्कूल राजौरी गार्डन की प्रार्थना सभा में विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ एस एस मिन्हास तथा छात्रों ने मिलकर 'सारागढ़ी दिवस 'मनाते हुए 21 शहीद सिख रेजमेंट को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ एसएस मिन्हास ने छात्रों को सारागढ़ी युद्ध से परिचित कराते हुए बताया कि12 सितंबर 1897 के दिन अफरीदी आदिवासी और अफगानिओं ने गुल बादशाह के नेतृत्व में सारागढ़ी फोर्ट पर आक्रमण कर दिया था। यह आक्रमण सुबह से शाम तक चला। इसमें 21 सदस्यों की सिख रेजिमेंट ने लगभग 10,000 अफगानियों से मिलकर अकेले मुकाबला किया और विरोधी दल के लगभग 600 अफगानिओं को मार गिराया। ये सिख सैनिक अपनी अंतिम सांस तक लड़ते हुए "बोले सो निहाल सत श्री अकाल का नारा "लगाते हुए हिम्मत बटोरते रहे, वे अपनी इस बुलंद आवाज से किले के बाहर अफगानिओं का मनोबल कमजोर कर रहे थे ताकि उन्हें लगे किले के अंदर बहुत से सैनिक हैं। ये वीर सिख सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए परंतु अन्य दो किलों गुलिस्ता फोर्ट और लॉक हार्ट किला को बचा लिया।छात्रों ने इन 21 वीर सिख सैनिकों की बहादुरी ,निर्भीकता और जिंदादिली पूर्ण शहीदी का गुणगान करते हुए भाषण दिए और गीत गाए।
कार्यक्रम के मध्य में प्रश्नोत्तरी सत्र भी चला। प्रधानाचार्य डॉ एस एस मिन्हास ने स्वयं को बहुत भाग्यशाली माना की परम पिता परमेश्वर ने उन्हें सिख विद्यालय 'गुरु नानक पब्लिक स्कूल' का प्रधानाचार्य बनकर कार्यभार संभालने का अवसर दिया है।