टिकट ना मिलने पर बागी हुए हाजी इशराक

उत्तर-पूर्वी: टिकट कटने के कारण बागी हुए सीलमपुर के निवर्तमान विधायक हाजी इशराक खान और गोकुलपुर के निवर्तमान विधायक चौधरी फतेह सिंह की रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात हुई। इस मुलाकात में मुख्यमंत्री ने उन्हें फिलहाल चुनाव में पार्टी का साथ देने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप दोनों परिवार के सदस्य हैं। आप का मान रखा जाएगा। इसके बाद चौधरी फतेह सिंह के सुर तो थोड़े नरम पड़ गए, लेकिन हाजी इशराक खान राजी होने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने देश शाम अपने कार्यालय में समर्थकों के साथ बैठक की। इसमें समर्थकों ने उनसे सिलमपुर से चुनाव लड़ने की गुजारिश की है।  इस पर वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गए। सोमवार को वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करेंगे। बैठक के बाद समर्थकों के साथ उन्होंने पदयात्रा भी की। बता दें कि आप ने इस बार सिलमपुर से अब्दुल रहमान को प्रत्याशी बनाया है।



उन्होंने शनिवार को नामांकन भी कर दिया है। हाजी इशराक खान ने बताया कि सोमवार दोपहर 12:00 बजे वह नामांकन करेंगे। हाजी इशराक ने कहा कि मुख्यमंत्री से वह मिले थे। लेकिन मुख्यमंत्री की बातचीत में अहंकार झलक रहा था। बता दें कि टिकट कटने के बाद ही हाजी इशराक बागी हो गए थे। उन्हें तब कांग्रेस नेता मतीन अहमद का साथ मिला। दोनों ने एक दूसरे को साथ देने की बात कही। मतीन सीलमपुर सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। इसलिए हाजी इशराक को बाबरपुर से पार्टी से टिकट दिलाने की कोशिश की।  हाजी इशराक को लेकर वह कांग्रेस के कई बड़े नेताओं से भी मिले। लेकिन बात नहीं हो पाई और कांग्रेस ने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। इसमें सीलमपुर से मतीन अहमद तो बाबरपुर से अपने जिलाध्यक्ष कैलाश की पुत्रवधू अभिंक्षा त्रिपाठी जैन को प्रत्याशी बनाया गया है।  उधर फतेह सिंह को भी भाजपा से टिकट की आस थी, लेकिन पार्टी ने यहां से रंजीत कश्यप को उम्मीदवार बना दिया।  इस बीच शनिवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दोनों नेताओं के पास फोन आया। उन्हें मुख्यमंत्री आवास बुलाया गया। रविवार को इन दोनों नेताओं ने उनसे मुलाकात की इसके बाद फतेह सिंह के तेवर नरम पड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने पर अभी उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया है।