‘’दृष्टि ट्रांसमिसोमीटर’’ दृश्य मापक प्रणाली और नेत्रहीनों के लिए ‘’दिव्यम नयन’’ पाठ्य यंत्र पर प्रेसवार्ता के माध्यम से दी जानकारी

            नई दिल्‍ली। ‘’दृष्टि ट्रांसमिसोमीटर’’ दृश्‍य मापक प्रणाली और नेत्रहीनों के लिए ‘’दिव्‍य नयन’’ पाठ्य यंत्र पर सीएसआईआर प्रयोगशालाओं (सीएसआईआर-एनएएल, सीएसआईआर-सीएसआईओ) से सैन्‍ट्रल इलैक्‍ट्रॉनिक्‍स लिमिटेड (सीईएल) को प्रौद्योगिकी का अन्‍तरण हुआ। सीएसआईआर प्रयोगशालाओं, सीएसआईआर-सीएसआईओ चंडीगढ़ और सीएसआईआर-एनएएल बंगलौर ने हाल ही में सैन्‍ट्रल इलैक्‍ट्रॉनिक्‍स लिमिटेड (सीईएल), जो वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर), विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन भारत सरकार का एक उद्यम है, से प्रौद्योगिकी अन्‍तरण पर एक करार का निष्‍पादन किया है। ‘’दिव्‍य नयन’’की प्रौद्योगिकी के अन्‍तरण पर इस पहले प्रौद्योगिकी करार पर चंडीगढ़ और सीईएल द्वारा हस्‍ताक्षर किए गए। यह पोर्टेबल यंत्र पूरी तरह से चार्ज होने की स्थिति में आकार और अर्न्‍तविषय के अनुरूप लगभग पचास पृष्‍ठों को स्‍कैन कर सकता है और पढ़ सकता है और यह रूपान्‍तरित सूचना सहित दस हजार से अधिक पृष्‍ठों को स्‍टोर कर सकता है। इस यंत्र मे मोबाइल/पोर्टेबल और आईओटी (इन्‍टरनेट ऑफ थिंग्‍स) की सभी विशेषताएं हैं।



इसकी सबसे उल्‍लेखनीय विशेषता इन्‍टरफेस और स्‍पीच आउटपुट जेनेरेशन, दोनों के लिए ऑनलाइन प्रौसेसिंग और नेचुरल वायॅज आऊटपुट है। इन्‍टरनेट क्‍लाउड-बेस्‍ड ऑनलाइन प्रौसेसिंग से टेक्‍सट् को अंग्रेजी/हिंदी या अधिकांश क्षेत्रीय भाषाओं में तेजी से रूपान्‍तरित करने में मदद मिलती है। इस यन्‍त्र को अब कान्‍टेक्‍ट स्‍कैनिंग प्रौद्योगिकी से सहायता मिलती है, यह किसी भी बाहरी प्रकाश स्थिति में ली गई मुद्रित सूचना को भी प्रौसेस कर सकता है। इस यंत्र के अन्‍दर लगे प्रलेख विश्‍लेषक से प्रयोक्‍ता इसे किसी भी दिशा में स्‍कैन कर सकता है और इम्‍बेडिड सभी छवियों को अस्‍वीकार करके स्‍वचालित रूप से पाठ के विभिन्‍न कॉलमों को पढ़ सकता है। यह नौ पाइंट्स और इससे बड़े आकार वाली अधिकांश लिपियों को भी स्‍वीकार करता है। सीएसआईआर और सीईएल दोनों मिलकर पिछले एक वर्ष से इस यंत्र के उत्‍पादन के लिए काम कर रहे थे, जिसका देश के विभिन्‍न भागों में प्रयोग के लिए उपयोग किया गया। पिछले वर्ष इसी नाम से एक गुगल एैप-दिव्‍य नयन उतारा गया था और यह 10 भाषाओं में उपलब्‍ध है।



            सीईएल द्वारा दिसम्‍बर, 2019 में इस यंत्र के उत्‍पादन के लिए एक सुरक्षा प्रमाणपत्र (S-13252 पार्ट 1, IEC60950-1 के अनुसार प्रपत्र) प्राप्‍त किया गया। इसके बाद हिंदी, पंजाबी,बंगला, तमिल और कन्‍नड़ जैसी अधिकांश क्षेत्रीय भाषाओं सहित विभिन्‍न राज्‍यों में इस यंत्र पर 25 से अधिक कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। देश के अन्‍य भागों में भी तेलुगु,मराठी और अन्‍य भाषाओं को भी इसमें श‍ामिल करने की योजना बनाई जा रही है। दूसरा प्रौद्योगिकी करार सीएसआईआर - नेशनल ऐरोनॉटिक लेबोरेटोरीज (सीएसआईआर- एनएएल), बंगलौर और सीईएल के बीच स्‍वदेशी - नवोन्‍मेषी - कम लागत वाली दृश्‍यता मापक प्रणाली, विमानन परिचालनों के लिए उपयोगी और रनवे पर पायलटों को दृश्‍यता की सूचना देने वाले ‘’दृष्टि ट्रांसमिसोमीटर’’ की प्रौद्योगिकी के अन्‍तरण पर करार का निष्‍पादन किया गया। ‘’दृष्टि’’ तकनीकी रूप से उत्‍कृष्‍ट, किफायती उत्‍पाद है, जो सीएटी-I, सीएटी-II, सीएटी-III ए और एएमपी; बी जैसे सभी श्रेणियों के हवाई अड्डों के लिए उपयुक्‍त है और यह 4 मीटर नीचे की दृश्‍यता को भी माप लेती है। यह कम और अत्‍यधिक दृश्‍यता दोनों को उचित रूप से माप सकती है और यह कठिन पर्यावरणीय स्थितियों में लगातार  काम करती है। इस प्रकार यह पायलटों को  रनवे पर दृश्‍यता के बारे में सूचना देते हुए सु‍रक्षित विमानन परिचालनों के लिए उपयोगी है। अत्‍याधुनिक प्रौद्योगिकी वाली इस प्रणाली ने इलैक्‍ट्रॉनिक्‍स और विमानन उपकरणों के क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण योगदान दिया है। समारोह में बोलते हुए डॉ० शेखर सी. मांडे, सचिव, डीएसआईआर तथा महानिदेशक,सीएसआईआर ने सौर, एमईडी, रेलवे और एसएसजी जैसे सीईएल के चार महत्‍वपूर्ण कार्यक्षेत्रों में सीईएल द्वारा नवीन प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए सीईएल की सराहना की। उन्‍होंने यह भी बताया कि नेत्रहीनों के लिए दिव्‍य नयन के उपयोग से आंकड़ों को वाणी में बदला जाता है,जिससे नेत्रहीन व्‍यक्ति इस यंत्र की सहायता से पुस्‍तकें, समाचार-पत्र और अन्‍य दस्‍तावेज सुन सकते हैं। उन्‍होंने रनवे पर पायलटों को दृश्‍यता के बारे में सूचना देने के लिए विमाननपरिचालनों के लिए ‘दृष्टि’ की उपयोगिता के बारे में भी बताया। डॉ० मांडे ने ग्रामीण और सुदूरवर्ती क्षेत्रों के विकास के रूप में समाज के प्रति तथा रक्षा, रेलवे एवं जन-सामान्‍य कीअपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सीईएल के योगदान की भी सराहना की।



प्रो० आर०के० सिन्‍हा, सीएसआईआर-सीएसआईओ ने कहा कि विभिन्‍न संस्‍थानों और गैर लाभ अर्जक संगठनों में ‘’दिव्‍य नयन’’ के सफल प्रयोग और कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। विभिन्‍न परीक्षणों से प्राप्‍त सूचनाओं से इस यंत्र को और अधिक प्रयोक्‍ता उपयोगी बनाया गया। इनसे प्राप्‍त अनुभव से यह संकेत मिलता  है कि इस यंत्र की मांग बहुत बढ़ जाएगी। सीएआईओ ने यह वचन दिया है कि प्रौद्योगिकी अन्‍तरण के बाद भी इस यंत्र में नए फीचर्स जोड़ने की आवश्‍यकता को पूरा किया जाएगा, जिससे सीईएल को उसके अनुसार उसे अपग्रेड करने में मदद मिलेगी।